3.2 किलोमीटर की लंबी एयर स्ट्रीप पर 2 घंटे में दिखा 17 विमानों का जलवा
                    
                    
                        
                        25 Oct 2017,
                        
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                        लखनऊ, 25 अक्टूबर (धर्म क्रान्ति)। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर दो घंटों में 17 एयरफोर्स के विमानों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। वायुसेना के 13 फाइटर प्लेन के साथ ही चार मालवाहक विमान की हैरत में डालने वाली लैंडिग तथा टेक-ऑफ देख रहे हजारों लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र में बनी 3.2 किलोमीटर की लंबी एयर स्ट्रीप पर मंगलवार को भारतीय वायुसेना सेना ने अपने फाइटर जहाजों का टच डाउन किया। साथ ही सी 130 जैसे मालवाहक विमान की भी लैंडिंग हुई। ये भारतीय वायुसेना का किसी एक्सप्रेस-वे पर होने वाले अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशनल अभ्यास है जिसमें चार स्टेशनों के 17 विमानों ने हिस्सा लिया। इस एक्सरसाइज के लिए ग्वालियर, गोरखपुर, बरेली और हिंडन एयरबेस से विमान एक्सप्रेस-वे पहुंचें। इस बीच इनकी मॉनिटरिंग लखनऊ हवाई अड्डे से होती रही। जगुआर, सुखोई,मिराज के साथ भारी भरकम सी 30 भी अभ्यास में शामिल हुआ। कमांडो भी रहे मौजूद अभ्यास से पहले सी-130 मालवाहक विमान से गरुड़ कमांडो को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर उतारा जाएगा। उनकी मौजूदगी में वायुसेना अपना पूरा अभ्यास करेगी। अभ्यास के बाद कमांडो को सी-130 विमान से वापस भेजा गया। वायुसेना ने भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए आज हाइवे पर उड़ान भरी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान ही वायुसेना के अनुरोध पर चार किलोमीटर का पैच रनवे की तरह ही तकनीकी तौर पर मजबूत और सॉलिड बनाया गया था। इसके पीछे सोच है कि आपातकाल कि स्थिति में रनवे विमान के अभाव में लड़ाकू विमानों को ऐसी जगहों पर उतारा जा सकता है। इससे पहले इसी एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमान उतारने का सफल परिक्षण किया जा चुका है। पिछले साल भी वायुसेना के 8 लड़ाकू विमानों ने इसी जगह एक्सप्रेस-वे पर और 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने टच डाउन किया था। ऐसे चला पूरा कार्यक्रम 6 मिराज, 6 सुखोई, 3 मिराज और 2 सी 30 विमान अभ्यास में शामिल हुए। सुबह 10ः13 मिनट पर पहला अमेरिका से स्पेशल ऑपरेशन के लिए लाया गया सी 130 की लैडिंग हुई। इस विमान से ही निकलकर वायुसेना के गरुड़ कमांडो ने अपना जौहर दिखाया। इसके बाद दुश्मन के इलाके में घुसकर और काफी नीचे तक मार करने वाले फाइटर प्लेन ने अपना करिश्मा दिखाते हुए जमीन को छूते हुए आस्मान से बात करने लगे। अंत में दुबारा सी 30 में कमांडो और अधिकारी सवार होकर रवाना हुए। विमान और उनकी खासियत हरक्यूलिस ग्लोबमास्टर सी-130 कैटेगरी- भारतीय वायुसेना का बड़ा मालवाहक विमान भारवहन क्षमता- 19,958 किग्रा टॉप स्पीड- 643 किमी प्रति घंटा रेंज- 321 किमी क्रू- पायलट, लोडमास्टर, फ्लाइट इंजीनियर, नेविगेटर जगुआर कैटेगरी- सुपरसोनिक फाइटर जेट भारवहन क्षमता- 4,500 किग्रा टॉप स्पीड- 1,700 किमी प्रति घंटा रेंज- 850 किलोमीटर ऊंचाई- 13,779 मीटर मिराज कैटेगरी- फाइटर विमान भारवहन क्षमता- 17,000 किग्रा टॉप स्पीड- 2,338 किमी प्रति घंटे रेंज- 3,335 किलोमीटर ऊंचाई- 18,000 मीटर सुखोई-30 कैटेगरी- सुपरसोनिक जेट भारवहन क्षमता- 38,000 किग्रा टॉप स्पीड- 2,120 किमी प्रति घंटा रेंज- 3,000 किमी ऊंचाई- 17,300 मीटर